नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म
इतिहास में प्रख्यात महावीर एवं महान युद्ध में नेपोलियन बोनापार्ट परिचय नेपोलियन बोनापार्ट एक दिग्विजय बिर के रूप में प्राचीन महावीर एलेग्जेंडर एवं जूलियस सीजर के सहित शमन है एक दिग्विजय बिर सर्वोत्तम सेनापति योग्य प्रशासक राजनीतिज्ञ एवं दूरदर्शी संस्कारक के रूप में विश्व इतिहास में स्वतंत्र का स्तान अधिकार किए हैं
यूरोप इतिहास में 1799 से लेकर 2814 तक इस समय को नेपोलियन की युग कहा जाता है यह समय में यूरोप का इतिहास फ्रांस का इतिहास और फ्रांस का इतिहास से नेपोलियन बोनापार्ट की जीवनी और कार्य वाली के ऊपर आधारित है
नेपोलियन बोनापार्ट का जन्म फ्रांस की पूर्व दिशा में एवं इटली की पश्चिम दिशा के भूमध्य सागर के बीच में कृसिक दीप के आजासिओ नामक स्थान में 1769 को अगस्त 15 तारीख में एक दारिद्र् संभ्रांत परिवार में हुआ था पिता चार्लस बोनापार्ट एवं माता लीटेजिया का जन्म
उनकी तेरा संतानों से सिर्फ 8 ही जीवित रेहे पाए उनमें से 5 पुत्र एवं 3 कन्या थे नेपोलियन पिता माता की द्तीय पुत्र थे
नेपोलियन की जन्म से कुछ दिनों पहले फ्रांस कृसिक को जेनिया से खरीद लिया था मतलब नेपोलियन फ्रांसवासी हुए नेपोलियन के पिता चार्लस बोनापार्ट क्रूसीक के फरासी शासनकर्ता की कृपा से अपनी दोनों पुत्र जोसेफ एवं नेपोलियन को फ्रांस देश के एक विद्यालयों में नाम लिखा पाए थे फ्रांस देश में पहुंच कर नेपोलियन खुद को एक विदेशी समझते थे विद्यालय में उनकी सहपाठी संभ्रांत पुत्रों नेपालन की दारिद्र्य उनके विदेशी भाषा के लिए उन्हें नफरत करते थे विद्यालय में शिक्षा समाप्त होने के बाद नेपोलियन 5 साल के लिए बुरी है नामक एक एक सामरिक कॉलेज में उसके बाद पेरिस में सामरिक अकादमिक से अध्यन किए थे
तारीफ में पढ़ने के दौरान 1785 में नेपोलियन की पिता चार्लस बोनापार्ट की मृत्यु हो गई एवं काशिका में उनकी माता और ऑनलाइन भाई और बहनों की को दरिद्रता की दुख और कष्ट सहना पड़ा इसलिए मजबूर होकर नेपोलियन मात्र 16 साल की उम्र में 1785 में बहुत कम वेतन धारी पदवी में नौकरी की नेपोलियन फरासी दार्शनिक रूसो एवं भोलटायर के द्वारा लिखी हुई पुस्तकों से बहुत प्रभावित हुए थे नेपोलियन बहुत सारे देशों को भ्रमण करके उन जगहों की भौगोलिक स्थिति एवं इतिहास संपर्क में ज्ञानार्जन किए थे इतिहास उनकी प्रिय विषय था उनकी मतानुसार "The torch of truth the the destroyer of prejudices" फारसी राष्ट्र विप्लव नेपोलियन की भाग्य का परिवर्तन हुआ नेपोलियन एक साधारण सौनिक से सेनापति बन पाए थे परासी जाति की उनके पति सम्मान बीस्वास स्तापन करने लगे