आलेकजान्ङर  को इतिहास में  दी ग्रेट(The Greatतथा महान कहा जाता है यह निश्चित है कि  आलेकजान्ङर एक महावीर एवं प्रख्यात योद्धा थे उनके जैसा वीर पुरुष शायद दुनिया में बहुत कम  दिखने को मिलता है वास्तविक एक महान योद्धा और दिग्विजय विर है

आलेकजान्ङर  ग्रीक राज्य म्यसिडन के राजा फीलीप्  के पुत्र  ग्रीक राज्य की उत्तरी भाग में म्यसिडन  राज्य अवस्थित था वह राज्य हमेसा पर्वतों की घर में रेहता था
म्यसिडन एक छोटा राज्य था
एक बार राजा फिलिप ने कहे थे मेरे पुत्र के लिए मेरा राज्य बहुत छोटा है
अपने साहस एवं वीरत्व के कारण वह महावीर विश्व विजेता वन पाए थे
ALEXANDER
आलेकजान्ङर पहले विश्व विजेता थे वह मात्र ही 13 साल की उम्र में क्षमता तथा शासन प्राप्त कर पाए थे एवं 11 वर्ष समय तक  दिग्विजय युद्ध एवं देश-देशांतर अभियान में बिताए थे
आलेकजान्ङर  बहुत दूर राज्य जय कर पाए थे अधिकृत राज्य तथा देश पर संगठित शासन प्रतिष्ठा करने की लीए उनके पास समय नहीं था उनके बाद उनकी अधिकृत विशाल भूखंङ के ऊपर राजत्व करने के लिए उनका कोई भी उत्तराधिकारी तथा वारिश नहीं था फलस्वरूप आलेकजान्ङर का मृत्यु के बाद उनका विशाल साम्राज्य का एकता का नष्ट हो गया और ग्रीक सेनापतियों ने साम्राज्य को भाग-भाग कर के स्वाधीन राज्य के रुप में शासन करने लगे
आलेकजान्ङर  केवल एक योद्धा और दिग्विजय थे वह नहीं एथीसहित वह एक अनुसंधान करी एवं जिज्ञासु व्यक्ति थे अधिकृत अंचलों तथा राज्यों के अधिवासी जलवायु और संस्कृति पर  अनुसंधान करने के लिए अपनी अपने साथ वैज्ञानिक दार्शनिक एवं ग्रीक पंडितों को साथ लाए थे और उन्हें प्रेरणा देते थे
एक निर्माता के रूप में भी आलेकजान्ङर प्रसिद्ध हैं आलेकजान्ङरीया नगर उनकी निर्माण कार्य का परिचय देता हैथेप्राच्य एवं पाश्चात्य के बीच में संजोग स्थापन करके वह विश्व के बीशेष कल्याण साधन किए हैं दोनो भूखंड के बीच वाणिज्य एवं सांस्कृतिक संपर्क की लिए  मार्ग प्रशस्त कर पाए थे इसलिए इतिहास में उनकी समय को एक परिवर्तनकारी समय के रूप में दिखा जाता है

यह सब की बाद भी आलम चैनल की व्यक्तित्व में अनेक दुर्गुण भी था उनकी अभियान के समय में बहुत से अवसर की शांति भंग करने के साथ स्थानीय संस्कृति की भी अनेक क्षति साधन करते थे पारस्य  साम्राज्य के अनेक रमणीय स्थापत्य उनके द्वारा नष्ट की गई है


वह  एक अभिमानी स्वेच्छाचारी निर्दय एवं धंस व्यक्ति थे एक   स्तायी  साम्राज्य  कि निर्माता  तथा सुशासक के रूप में वह खुद को प्रतिष्ठित  नहीं कर पाए आलेकजान्ङर के बारे में देखा जाए तो वो बहुत  कम समय में विश्व विजय कर पाए थे उनके जीवन बहुत संघर्षमय था और उसी संघर्ष के साथ उनका अंत भी हुआ...

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