मार्टिन लूथर एक धर्मशास्त्री विश्वविद्यालय में प्राध्यापक जर्मन चर्च के पादरी थे   मार्टिन लूथर विशेषत प्रोटेस्टान्ड मतबाद की लीए जाने जाते है तत्कालीन समय में क्रिस्टधर्म  मैं चल रहा भ्रष्टाचार अन्याय तथा पोप एवं पादरीयों के द्वारा कैथोलिक चर्च में धर्म के नाम पर चल रहा भ्रष्टाचार के खिलाफ  मार्टिन लूथर के द्वारा चलाए गए आंदोलन को प्रोटेस्टान्ड आंदोलन तथा लूथरीय मतवाद की लीए लूथर जाने जाते है

मार्टिन लूथर का जन्म 1823 में जर्मनी के साक्सोनी ग्राम मो मैं एक कृषक परिवार में हुआ था लूथर प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा समाप्त करने के बाद पीता जी के पिताजी के इच्छा अनुसार ईरफर्ट विश्वविद्यालय में धर्म तत्व और आईनी अध्ययन किए एवं  कैथोलिक गिरजा में पादरी बने
Martin luther

                                                                                                                             







लूथर 1505 में ऑगस्टन मतबाद के सन्यासी बने और उच्चतर शिक्षा के लिए उन्होंने ब्रांन्डनवर्ग विश्वविद्यालय में अध्ययन किया और उसी विश्वविद्यालय में उन्होंने धार्मिक तत्व और दर्शन की प्राध्यापक के रूप में नियुक्ति हुए  वहां पर उन्होंने बाइबल को गभीर अध्ययन करने के बाद उन्हें पता चला कि कैथोलिक गिरजा में अनेक प्रकार के धर्म विरोधी आचरण अनुसरण किया जा रहा है और उसके बारे में अधिक अनुसंधान के लिए लुथर  1510 में रोम के मुख्य कैथोलिक गिरजा ओर रवाना हुए

वहां हो रहा पोप तथा पोप की अनुगामीओं के द्वारा भ्रष्टाचार को देखकर लूथर को बहूत  दुखी हुआ
1517  टेटजेल्  नामक पोप  के एक प्रतिनिधि ने सेंट पीटॅरर्स गिरजा के पुनरुद्धार के लिए क्षमा पत्र विक्रय करके अर्थसंग्रह करते हुए लूथर की नजर में आया
लोगों की पापों की अनुसार क्षमापत्र की मूल्यांकन किया जाता था यानी अधिक पाप की लीए ज्यादा मूल्य देना पड़ाता था क्षमापत्र खरीद ने की लिए जिससे उन्हें मुक्ति मिल सके यानी क्षमा पत्र खरीदने से आपकी आपके सारे पापों से मुक्ति मिल सकेगा

1517 में लूथर पोप के क्षमापत्र की व्यबसाय के विरुद्ध में 95 तर्क साधारण लोगों के सामने रखें जो जर्मनी की एक सामूहिक गण आंदोलनों का सूत्रपात किया
लूथर की प्रोटेस्टान्ड मतवाद  बहुत तेजी से जर्मनी में फैल गया और काफी भारी मात्रा में लोगों ने उनका समर्थन किये और लूथर की अनुगामी बनने लगे बहुत से लोगों और शासकों ने मार्टिन लूथर की     प्रोटेस्टान्ड धर्म को ग्रहण करने लगे
 कैथोलिक धर्म के लिए मार्टिन लूथर को खतरा बनने लगे है
पोप एवं सम्राट चार्ल्स पंचम लूथर को ईश्वर विरोधी के रूप में घोषणा की है एवं सम्राट के राज्य द्वारा लूथर को प्रदान किया जा रहा है समस्त सुरक्षा व्यवस्था को प्रतिहार कर लिया गया एवं 1520 में पोप-लियो दसम लूथर को धर्मीय समाज से बसंत  निर्वासित करा गया 

पर लूथर ने  उस आदेशनामा को हजारों लोगों के सामने जलाया दिया और आश्रय के लिए अपनी जन्मस्थान लौट गए और लुथर के जाने के बाद  उनके सारे संपत्ति को गीरजा के नाम करवा दिया 
1522 में लूथर ने बाइबल को जर्मनी भाषा पे अनुवादित किया जो साधारण लोगों के लिए बहुत मददगार साबित हुआ फलस्वरूप साधारण लोग बाइबल को अच्छी तरह से समझ पाए  एवं पोप तथा  उनकी अनुगामीओं के द्वारा हो रहा  भ्रष्टाचार का अबसान हुआ


प्रोटेस्टान्ड धर्म के उत्थान से रोमन कैथोलिक एवं प्रोटेस्टान्ड  के बीच भीषण संघर्ष का सूत्रपात हुआ 1529 में दक्षिण जर्मनी के कृषकों तथा साधारण लोगों ने कैथोलिक शासकों के विरुद्ध आंदोलन किये एवं कैथोलिक गिरजा को अर्थ देना बंद कर दिये लुथर इस संघर्ष के विरुद्ध थे वह समझते थे कि आंदोलन की वजह से उनकी धर्म प्रचार में बाधा आ रहा है ।

इसलिए वो अत्यंत स्वार्थपर होकर शासकों  को आंदोलन रोकने  के लिए पत्र लिखे जिसमें बड़ी निर्दयता से अनेक साधारण लोग एवं कृषको को हत्या कीया गया 

फलस्वरूप लूथर समाज के निम्नवर्ग के लोगों की सहानुभूति नहीं मिला और अनेक मित्र शासकों ने लूथर को समर्थन करना बंद कर दिये
मार्टिन लूथर इस धर्म युद्ध के कर्म लूथर अनेक मानसिक चिंता और आतंक के साथ 1546 में उनका मृत्यु हो गया।

मार्टिन लूथर की धर्म संस्कार आंदोलन की वजह से लोगों के धर्मियों जीवन तथा धर्मियों भावनाओं में अनेक  परिवर्तन आया और कैथोलिक  गिरजाघरों में हो रहा अन्यय भ्रष्टाचार  का अवसान हुआ और एक नए मतवाद का जन्म हुआ  प्रोटेस्टान्ड मतवाद