रूसो फ्रांस की एक प्रसिद्ध दार्शनिक थे रुसो का पूरा नाम जॉन जैकस रुसो हे उनका जन्म स्विजरलैंड के जेनीभा में 1712 को हुआ था रूसो फरासी विप्लव में विप्लव को आगे बढ़ाने के लीए रूसो का योगदान का बहुत महत्व था वो एक असाध व्यक प्राप्त कर पाए थे पर उसके बावजूद भी वो किसी भी विषय को अत्यंत गंभीर रुप से अध्ययन करने के बाद उस विषय के बारे में वह अत्यंत चमत्कार से उपस्थापित कर देते थे
रुसो जब बाल्यावस्था में थे तब उनकी माता का मृत्यु हो गई थी एवं रुसो अपने पिता के द्वारा पालीत हुए थे पर कुछ वर्षों के बाद उनके पिता रूसो को छोड़कर कहीं चले गए मात्र 12 साल की उम्र में रूसो जीवन धारण करने के लिए काफी संघर्ष का सामना करना पड़ा मात्र 16 साल की उम्र में अपने घर छोड़ कर अपने सेहेर छोड़ कर उन्हें काम के तलास में इधर उधर भटकना पड़ा रूसो का व्यक्तिगत जीवन में नियंत्रण नेहीं था रूसो स्वभाव में बहुत गुस्से वाले थे उन्हें किसी मालीक के पास काम करना अच्छा नहीं लगता था
रूसो सामाजिक असमानता को विरोध करते थे उनकी पुस्तक "Discourse on the origin of inequality" मैं आधुनिक सभ्यता में चल रहा भ्रष्टाचार और अन्याय से पीड़ित लोगों यादी पर गभीर विश्लेषण किया गया है रुसो पुरातन समाज की समाधि पर एक नई समाज का कल्पना करते थे जो समाज में प्रत्येक मनुष्य अपने आप स्वतंत्र होंगे एवं समस्त मनुष्य होंगे मुक्ति समानता और भातृत्व में जीऐगें
समाज की गठन के लिए लोगों को प्रेरित करते थे (To Sweep Away The Fabric of Society")
समाज की गठन के लिए लोगों को प्रेरित करते थे (To Sweep Away The Fabric of Society")
ROUSSEAU |
रूसो का प्रथम प्रसिद्ध पुस्तक का नाम "Discourse On Arts" है पुस्तक में कला साहित्य और विज्ञान के बारे में आलोचना कीया गया है इस पुस्तक की कथासार "प्रकृति को लौट जाओ"
रूसो बहुत सी प्रसिद्ध पुस्तक रचना कीए हैं उनमें से सबसे ज्यादा प्रसिद्ध पुस्तक जो 1761 में प्रकाशित हुआ "The Social Contract" इस पुस्तक की प्रारंभ में कहा गया है "मानब मुक्त जन्म होता है, लेकिन हर जगह वह जंजीरों में है"(Man is born free but everywhere he is in chains)
रूसो एक प्रकृति प्रेमी व्यक्ति विशेष थे वह प्रकृति को बहुत प्यार करते थे रूसो की दार्शनिकता का मूल आधार था मनुष्य हर मनुष्य की समानता
रुसो मुख्यत तीन बातों पर ज्यादा जोर देते थे मुक्ति समानता और भ्रातृत्व यह तीन बातें क्रांतिकारियों की मन में एवं फरासी राष्ट्र विप्लव में बारुद गदा में चिंगारी की तरह काम कीया
रुसो एक प्रतिभासंपन्न दार्शनिक थे उनकी दर्शन तत्व की वजह से लोगों में एक नई समाज गठन की क्रांति ला सका एक नूतन समाज गठन के लिए लोगों में प्रेरणा जगाया लोगों के दिल में एक नई आशा की किरण का संचार हुआ
लुथरीय मतवाद
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