भोलटायार प्रमुख लेखकों में से एक था हालांकि उनका नाम  फ्रेंकोइस मारिआरूट था लेकिन  वह भोल्रटायार नाम से वह काफी मशहूर हुए थे  भोलटायार एक बहुमुखी प्रतिभा  संपन्न व्यक्ति थे दार्शनिक वैज्ञानिक पत्रकार और व्यंगकार एवं प्रखर बुद्धि संपन्न समालोचक थे
भोलटायर का  जन्म 1694 मेें हुआ था  अन्य लेखकों  के साहित फ्रांस में विप्लव की दौरान भोलटायर का भी प्रमुख भूमिका था  भोलटायर कि समय को  भोलटायर युग काहा जाता था लोगों ने उनको king voltaire भी कहते थे उनके लेखा में शासन समाज और धर्म समेत दीग पर चर्चा करते थे

फ्रांस की बोरवन राजवंश के राजत्व को समालोचक करके वह कुछ दिन कारावास में बिताए थे उस दौरान उनका नैतिक व्यवहार में बहुत परिवर्तन आया और भोलटायर एक लेखक से समाज चिंतक और समालोचक में परिवर्तित हुए । 
भोलटायर  न्यूट्रॉन की  तत्व और जन लक् की दर्शन से अनुप्राणित हुए एवं तत्कालीन समय की सामाजिक व्यवस्था मैं अनेक प्रकार के  अंधविश्वास निर्दयता असंगत  के कारण पीड़ित लोगों की दुख देखकर उन्हें बहुत दुख होता था  वह हमेशा कोशिश करते थे अपने लेख के जरिए समाज में एक नई क्रांति लाने की और दलित और पीड़ित लोगों की दुख दूर करने की कोशिश करते थे
VOITAIRE
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कैथोलिक चर्च में हो रहा अन्याय एवं अंधविश्वास की परंपरा को संपूर्ण रूप में नष्ट करने की और एक नुतन प्रगतिशिल चिंताधाराओं का सृष्टि करना उनका लक्ष्य था परंतु बो वास्तववादी लेखक नहीं थे वह समस्त व्यवस्था को समालोचना  करते थे परंतु उनके पास कोई भी समस्या का समाधान का सूत्र नहीं था
1725 में राजतंत्र एवं गिरजा के विरुद्ध होकर उन्हें कुछ दिनों के लिए इंग्लैंड को निर्वासित किया गया था उसके बावजूद वह राजतंत्र और उच्च पदस्थ संभ्रांत गोष्टी के विरुद्ध चर्च के पादरी के द्वारा अन्याय के खिलाफ उन्होंने अपना समय रचना जारी रखा

बहुत चाहते थे ईश्वर विश्वास और   राजतंत्र प्रथा दोनों युक्तिसंगत होना चाहिए
  फरासी   विप्लव के  12 साल पूर्व 1778 को भोलटायर का मृत्यु हुआ
भोलटायर एक महान क्रांतिकारी लेखक थे उनके लेखअों के जरिए समाज के अनेक दोस अन्याय एवं असंगति को  लोगों के सामने लाया जा सका उजागर  किया जा सका
अन्य दार्शनिकों की तरह भोलटायर का भी फरासी राष्ट्र विप्लव के दौरान महान योगदान  रहा था