1807 को फ्रीडलैंड में पराजय होने की बाद फ्रांस की सम्राट की नेपोलियन बोनापार्ट और रूसिया के सम्राट जार अलेक्जेंडर के बीच
1807 में फ्रांस की सम्राट की नेपोलियन बोनापार्ट और रूसिया के सम्राट जार अलेक्जेंडर के बीच एयलाउ और फ्रीडलैंड नमक दोनों जगह में भीषण युद्ध हुआ था ईस युद्ध में नेपोलियन की 35 हजार सेना की मृत्यु हो गई थी इसके बावजूद नेपोलियन बोनापार्ट रूसिया के ऊपर विजय प्राप्त की रूसिया की पराजय हुआ।
रूसिया के पराजय की बाद सम्राट जार अलेक्जेंडर ने नेपोलियन को शांति प्रस्ताव भेजा और संधि के लिए दोनों टीलीसीट नामक स्थान में 1807 में नियमेन नदी के ऊपर एक सुसज्जित तेरता हुआ नौका की ऊपर दोनों मिले और 1807 में संधि प्रस्ताव हस्ताक्षर हुआ
फरासी सम्राट नेपोलियन के व्यक्तित्व उनके विचार और महानुभवता देख कर सम्राट अलेक्ज़ांडर प्रभावित हुए
नेपोलियन विजेता की हिसाब से रसिया के कोई भी अंश के ऊपर अपने अधिकार दावा नहीं किया उन्होंने केवल इतना ही शर्त रखा की रूषिया में ब्रिटिश वाणिज्य के ऊपर प्रतिबंध लगाया जाए और ब्रिटिश वाणिज्य को यूरोप महादेश में संपूर्ण रूप में बंद करने के लिए रसिया उनकी सहायता करें।
नेपोलियन विजेता की हिसाब से रसिया के कोई भी अंश के ऊपर अपने अधिकार दावा नहीं किया उन्होंने केवल इतना ही शर्त रखा की रूषिया में ब्रिटिश वाणिज्य के ऊपर प्रतिबंध लगाया जाए और ब्रिटिश वाणिज्य को यूरोप महादेश में संपूर्ण रूप में बंद करने के लिए रसिया उनकी सहायता करें।
दोनों सम्राट के बीच और भी गुप्त समझोता हुआ था उन समझौते के अनुसार पूर्व यूरोप में रशिया का अधिपत्य और पश्चिमी यूरोप में नेपोलियन फ्रांस की अधिपत्य प्रतिष्ठा होगा और विस्तार को दोनों समर्थन करेंगे और रूसिया एवं तुर्की संघर्ष में नेपोलियन की मध्यस्थ के यदि तुर्की ग्रहण नहीं किया तो तुर्की के विरुद्ध रसिया को नेपोलियन सहायता करना होगा एवं इंग्लैंड फ्रांस के युद्ध में रसिया मध्यस्थता करेगा अगर इंग्लैंड मध्यस्थ ग्रहण नहीं करता है तो रसिया नेपोलियन का व्यवस्था में योगदान प्रदान करेगी
नेपोलियन एवं अलेक्जेंडर की बीच में संधि स्थापन फलस्वरूप पूर्शिया राज्य की विपुल खेती हुआ पूर्शिया अधिकृत पोलैंड नामक स्थान को पूर्शिया से अलग कर दिया गया और एक नूतन राज्य गठन किया गया नेपोलियन की एक मित्र वहां के शासक के रहे और पूर्शिया की सेना संख्या घटाकर 42000 में सीमित रखा गया
पूर्शिया से एलब नदी के पश्चिमाञ्चल को लेकर उसके साथ जर्मनी के कुछ अंश को योगा करा गया और एक नूतन राष्ट्र का गठन हुआ और उस राज्य के शासक नेपोलियन की भ्राता जेरम बोनापार्ट वने
संधि के फलस्वरूप यूरोप में महाशक्ति तृतीय यूरोपीय शक्ति मंत्र का धंस हुआ और केवल ही यूरोप में इंग्लैंड और स्वीडेन फ्रांस के विरुद्ध रहे परिवर्ती समय में नेपोलियन के निर्देश से रशिया की सेना स्वीडन अधिकृत फिनलैंड पर आक्रमण किए और और स्वीडेन के राजा चतुर्थ गुस्ताभास ने मजबूर होकर 1809 में रसिया के हाथ में फिनलैंड अर्पण किए।
संधि को विशेष रुप में दिखा जाए तो नेपोलियन के लिए एक श्रेष्ठ कूटनैतिक विजेय था उस संधि से रशिया जैसा शक्तिशाली राष्ट्र का बंधुत्व का लाभ मिला और संधि की जरिये फ्रांस सामाजिक राजनीतिक और कुटनीतिक दृष्टिकोण से एक शक्तिशाली राष्ट्र के रूप में परिचित हुआ
नेपोलियन का प्रभाव और शक्ति पूरे यूरोप में एक महान शक्ति के रूप में खड़ा हुआ
नेपोलियन का प्रभाव और शक्ति पूरे यूरोप में एक महान शक्ति के रूप में खड़ा हुआ